Tuesday, May 29, 2018

बाबा दरबार में अब नहीं गूंजेगा ‘शिवार्चनम’, इस कारण लिया गया फैसला

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी एकादशी पर शिवार्चनमकी गूंज अब नहीं सुनाई देगी। संगीत के इस कार्यक्रम की परंपरा को समाप्त करने पर मंदिर न्यास परिषद ने मुहर लगा दी है। इसे वर्तमान सत्र से ही लागू कर दिया जाएगा।
रंगभरी एकादशी पर मंदिर परिसर में इस कार्यक्रम की शुरुआत 2011 में की गई थी। न्यास परिषद की 18 मई को हुई बैठक में इसके लिए प्रस्ताव लाया गया था। परिषद ने इसे पारित करते हुए इसी सत्र से प्रभावी करने का फैसला लिया है।

रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत प्रतिमा के महंत आवास से निकलकर अबीर-गुलाल की बारिश के बीच गर्भगृह में पहुंचने के बाद शाम को आयोजन होता था। इसके तहत काशी और अन्य जगहों के ख्यात कलाकार बाबा को गीत-संगीत और नृत्य के जरिए अपनी भावांजलि अर्पित करते थे।

 श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. अशोक द्विवेदी का कहना है कि श्री काशी विश्वनाथ अधिनियम 14 के उपबंधों के अधीन न्यास परिषद का कर्तव्य हिंदू शास्त्र, धर्मग्रंथों और प्रथा परंपरा के अनुसार रंगभरी एकादशी के संपादन की व्यवस्था का आदेश है।

मंदिर परिसर में ऐसे किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो शात्रोक्त और न्यास के अधिनियम में वर्णित न हो। रंगभरी एकादशी की जो भी पौराणिक और प्राचीन परंपराएं हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।

24 घंटे होगी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में सफाई

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में अब सफाई व्यवस्था 24 घंटा होगी। आरेंज कलर की वर्दी में तैनात सफाई कर्मचारी तीन पहर के हिसाब से मंदिर और क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे।

सोमवार को बैठक के बाद औचक निरीक्षण के दौरान प्रदेश के राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने मंदिर परिसर एवं उसके आसपास की गलियों में गंदगी पर मातहतों को कड़ी फटकार लगाते हुए सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया।

गंदगी पर उन्होंने कार्यदायी संस्था एलएफएस के प्रतिनिधि को सख्त निर्देश दिए और कहा कि मंदिर एवं आसपास के क्षेत्र में गंदगी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने नगर आयुक्त को नगर निगम सुपरवाइजर की तैनाती करने का निर्देश दिया।

उन्होंने छत्ताद्वार, ढुंढीराज एवं सरस्वती फाटक चेंकिग प्वाइंट पर डस्टबीन रखे जाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मंदिर परिसर व गलियों को स्वच्छ रखने के लिए 24 घंटे तीन पहर के हिसाब से बावर्दी सफाई कर्मचारी लगाए जाएं।

ये कर्मचारी गलियों में चक्रमण करेंगे और गंदगी की सफाई करते रहेंगे। उन्होंने बुधवार से ही सफाई व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया। सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धालुओं के साथ सौम्य व्यवहार करने का निर्देश दिया।

उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में सफाई, पेयजल एवं प्रकाश सहित अन्य व्यवस्थाओं को तात्कालिक तरीके से सुनिश्चित कराने के लिए विद्युत, जलसंस्थान, नगर निगम, जोनल स्वास्थ्य अधिकारी, लोनिवि आदि विभागीय अधिकारियों की टीम गठित कर प्रत्येक माह बैठक कराये जाने का भी निर्देश 
दिया।