घाट, गली, मोहल्ले से लेकर सारनाथ तक और मंदिर से लेकर मकबरे तक, काशी को महादेव का ऐसा आशीर्वाद मिला है कि पूरी नगरी ही धरोहर है। यहां धरोहरों की किताब में कई अनछुए पन्ने भी हैं जो अपने भीतर सशक्त इतिहास और खूबी समेटे हैं। विश्व धरोहर दिवस पर ऐसे ही कुछ धरोहरों से रूबरू कराते हैं जो खूबियां तो सहेजे हैं, पर लोग उससे अनजान हैं, अपरिचित हैं...
काशी विश्वनाथ |
सारनाथ ,वाराणसी |
सारनाथ स्तूप |
सारनाथ |
गंगा घाट |
काशी की गलियाँ |
कुंडलिनी योग का केंद्र है गुरूधाम मंदिर सुंदर स्थापत्य शैली से बना गुरुधाम मंदिर 200 साल पुराना है। कहते हैं यहां तंत्र सिद्धांतों का समावेश है। |
दुर्गा मन्दिर |
संकटमोचन मन्दिर |
मालवीय रेल पुल |
प्राच्य शिक्षा का केंद्र है संस्कृत विश्वविद्यालय का मुख्य भवन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का मुख्य भवन प्राच्य शिक्षा का केंद्र रहा है। 250 साल पुरानी यह इमारत अपने में इतिहास संजोए हुए हैं। |
काशी में कई मस्जिदें भी धरोहरों में शामिल हैं। ज्ञानवापी मस्जिद से इतर इसमें गंगा घाट स्थित आलमगीर मस्जिद और कोयलाबाजार स्थित ढाई कंगूरा मस्जिद हैं। |
काशी में कई मस्जिदें भी धरोहरों में शामिल हैं। ज्ञानवापी मस्जिद से इतर इसमें गंगा घाट स्थित आलमगीर मस्जिद और कोयलाबाजार स्थित ढाई कंगूरा मस्जिद हैं। |