Friday, May 25, 2018

1400 करोड़ से सिडनी एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होगा वाराणसी का हवाई अड्डा


पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के 4 साल पूरे होने के बाद अब वाराणसी में हवाई यातायात के विकास के लिए एक बड़ी योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछले 4 सालों में वाराणसी के हवाई यात्रियों की संख्या में हर साल करीब 26 फीसदी की बढ़ोतरी होने के बाद अब वाराणसी में विमानों की आवाजाही भी करीब करीब दोगुनी हो चुकी है। इसके अलावा विदेशों और कई बड़े शहरों के लिए सीधी कार्गो सेवा शुरू होने से व्यापार में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में अब सरकार वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे को ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित करने की तैयारी शुरू करने जा रही है।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एयरपोर्ट को करीब 1400 करोड़ की लागत से सिडनी एयरपोर्ट की तरह विकसित किए जाने का प्‍लान है। इसके लिए मौजूदा समय में 2745 मीटर रन-वे की लम्‍बाई को और 1750 मीटर तक बढ़ाने की योजना निर्धारित की गई है। रनवे के इस विस्‍तार के बाद वाराणसी में यूएस एयरफोर्स के विमानों के साथ बोईंग 777, A340-600, A350-600, 747-400 जैसे बड़े विमान आसानी से टेकऑफ और लैंड कर सकेंगे। इस योजना के तहत करीब 550 करोड़ रुपये से एयरपोर्ट का विस्‍तार किया जाएगा और वर्ल्‍ड क्‍लास यात्री सुविधाओं पर 850 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

दुनिया भर में हवाई मार्ग से भेज सकेंगे उत्पाद 
गौरतलब है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में बीते मार्च माह के दौरान सालाना आधार पर अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों में करीब 98.6 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके अलावा लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे से से कार्गो सेवा शुरू होने के बाद उद्यमियों खासकर कालीन, बनारसी साड़ी और हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों को भी काफी सहूलियत हुई है। कृषि और प्रसंस्‍कृत उत्‍पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के ट्रायल शुरुआती तौर पर वाराणसी से एक टन तीखी हरी मिर्च दुबई भेजी जा चुकी है। ऐसे में अब यहां से अलग-अलग देशों की उड़ान के संचालन की स्थिति में वाराणसी समेत पूर्वांचल भर के सामानों को पूरी दुनिया में भेजने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।