बाबा दरबार से गंगा तट तक श्रीकाशी
विश्वनाथ धाम कॉरीडोर निर्माण पर 460 करोड़
रुपये खर्च किए जाएंगे। कॉरीडोर क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों को भी संरक्षित कर
भव्य स्वरूप दिया जाएगा।
पीएम
नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर)
अहमदाबाद की कंसल्टेंसी कंपनी एचसीपी ने शुक्रवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर
विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंप दी। इसमें धनराशि का आकलन व ड्राइंग-डिजाइन
समेत सचित्र संपूर्ण ब्योरा और टेंडर डाक्यूमेंट भी दिए गए हैं। साथ ही कार्यदायी
एजेंसी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने अन्य संबंधित विभागों के साथ मिल
बैठकर तकनीकी परीक्षण शुरू कर दिया ताकि आवश्यकता अनुसार संशोधन की गुंजाइश होने
पर तत्काल निराकरण किया जा सके।
सिर्फ 18 माह में निर्माण का लक्ष्य
कॉरीडोर की डीपीआर 12 जून को
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की बैठक में रखी जाएगी। इसमें पारित होने के
बाद इसे शासन को भेजा जाएगा ताकि वित्तीय कमेटियों की संस्तुति के साथ कैबिनेट की
स्वीकृति और बजट आवंटन कराया जा सके। हालांकि काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास
परिषद ने स्टोन वर्क के लिए टेंडर की तैयारी कर रखी है। काशी विश्वनाथ मंदिर व
विशिष्ट क्षेत्र सीईओ विशाल सिंह के अनुसार निर्माण के लिए 15 जुलाई को टेंडर जारी कर दिया जाएगा। फिलहाल जमीनी कार्य कराए
जा रहे हैं। इसका निर्माण डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य है। तत्परता के लिहाज
से पूरे कार्य को चार चरणों में बांटा गया है। आठ मार्च को इसकी आधारशिला रखी जा
चुकी है।
§ कॉरीडोर
एरिया : पांच लाख वर्ग फीट
§ निर्माण
क्षेत्र : तीस फीसद
§ भवन खरीदे
गए : 251
§ भवन खरीदे
जाने हैं : 24
§ बनेंगे
पांच गेट
§ बनेंगे
छोटे बड़े 21 भवन
§ 8 मार्च को पीएम ने किया था शिलान्यास